नया साल आया है, खुशियों का भंडार लाया है। नया साल आया है, खुशियों का भंडार लाया है।
गरीबी,अज्ञानता के कारण, जीवन को बोझ समझ दब जाते हैं, आगे चलकर देश की प्रगति में, प्र गरीबी,अज्ञानता के कारण, जीवन को बोझ समझ दब जाते हैं, आगे चलकर देश की प्रगत...
जिंदगी बीत जायेगी यही सोचते कि लोग क्या कहेंगे, उनका क्या, माँस है सबका नोचते कि और जिंदगी बीत जायेगी यही सोचते कि लोग क्या कहेंगे, उनका क्या, माँस है सबका नो...
गुलामी की बेड़ियाे तोड़कर स्वतन्त्रता की इबारत लिखेंगे हम। गुलामी की बेड़ियाे तोड़कर स्वतन्त्रता की इबारत लिखेंगे हम।
धुम्रपान में सब धुआं धुआं धुआं हो जाएगा। धुम्रपान में सब धुआं धुआं धुआं हो जाएगा।
आ भी जाओ अभी मिलने को जान तड़पती है। आ भी जाओ अभी मिलने को जान तड़पती है।